Chanakaya Biography..
आचार्य चाणक्य का जीवन काल....
चाणक्य एक कुशल और महान चरित्र वाले व्यक्ति थे इसके साथ ही वे एक महान शिक्षक भी थे। अपने महान विचारों और महान नीतियों से वे काफी लोकप्रिय हो गए थेउन्होंने भारतीय राजनीतिक ग्रंथ, ‘ द अर्थशास्त्र’ लिखा था। इस ग्रंथ में उन्होंने संपत्ति, अर्थशास्त्र और भौतिक सफलता के संबंध में उस समय तक के लगभग हर पहलू को भारत में लिखा था। राजनीतिक विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विकास के लिए किए गए उनके महत्वपूर्ण योगदान की वजह से उन्हें इस क्षेत्र का विद्धान और अग्रणी माना जाता है।
आचार्य चाणक्य के महान विचारों को अगर अपने जीवन में उतार लिया जाए तो वाकई हमारा जीवन सफल हो सकता है।
आइये जानते हैं महान विद्धान चाणक्य के जीवन के बारे में और उनकी महानता के बारे में और उनके जीव के संघर्षों के बारे में कि वे कैसे गरीबी को पार कर इतने प्रखर विद्धान बने
जीवनी....
नाम (Name) चाणक्य
जन्म (Birthday) 350 ईसा पूर्व (अनुमानित स्पष्ट नहीं है)
मृत्यु की तिथि (Death) 275 ईसा पूर्व, पाटलिपुत्र, (आधुनिक पटना में) भारत
पिता (Father Name) ऋषि कानाक या चैनिन (जैन ग्रंथों के अनुसार)
माता (Mother Name) चनेश्वरी (जैन ग्रंथों के अनुसार)
चाणक्य बचपन से क्रोधी और जिद्दी स्वभाव के थे उनके उग्र स्वभाग के कारण ही उन्होनें नन्द वंश का विनाश करने का फैसला लिया था। आपको बता दें कि चाणक्य शुरू से ही साधारण जीवन यापन करने में यकीन करते थे।
चाणक्य की शिक्षा-दीक्षा – Chanakya Education
महान विद्धान चाणक्य की शिक्षा-दीक्षा प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय में हुई थी। वे बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी और एक होनहार छात्र थे उनके पढ़ने में गहन रूचि थी। वहीं कुछ ग्रंथों के मुताबिक चाणक्य ने तक्षशिला में शिक्षा ग्रहण की थी।
आपको बता दें कि तक्षशिला एक उत्तर-पश्चिमी प्राचीन भारत में शिक्षण का प्राचीन केंद्र था। ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए, चाणक्य को अर्थशास्त्र, राजनीति, युद्ध रणनीतियों, दवा, और ज्योतिष जैसे कई विषयों की अच्छी और गहरी जानकारी थी। वे इन विषयों के विद्धान थे।
यह भी माना जाता है कि वे ग्रीक और फारसी भी जानते थे। इसके अलावा उन्हें वेदों और साहित्य का अच्छा ज्ञान था। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वे तक्षशिला में राजनीतिक विज्ञान और अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बन गए उसके बाद वे सम्राट चंद्रगुप्त के भरोसेमंद सहयोगी भी बन गए थे।
* जीवन को सफल बनाने वाले चाणक्य के अनमोल विचार –
* ऋण, शत्रु और रोग को कभी छोटा नही समझना चाहिए और हो सके तो इन्हें हमेसा समाप्त ही रखना चाहिए।
* आलसी मनुष्य का न तो वतर्मान का पता होता है न भविष्य का ठिकाना।
* भाग्य भी उन्ही का साथ देता है जो कठिन से कठिन स्थितियों में भी अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहते है।
* नसीब के सहारे चलना अपने पैरो पर कुल्हाड़ी मारने के बराबर है और ऐसे लोगो को बर्बाद होने में वक्त भी नही लगता है।
* जो मेहनती है वे कभी गरीब नही हो सकते है और जो लोग भगवान को हमेसा याद रखते है। उनसे कोई पाप नही हो सकता है क्यूकी दिमाग से जागा हुआ व्यक्ति हमेसा निडर होता है।
* अच्छे आचरण से दुखो से मुक्ति मिलती है विवेक से अज्ञानता को मिटाया जा सकता है और जानकारी से भय को दूर किया जा सकता है।
*संकट के समय हमेसा बुद्धि की ही परीक्षा होती है और बुद्धि ही हमारे काम आती है।
* अन्न के अलावा किसी भी धन का कोई मोल नही है और भूख से बड़ी कोई शत्रु भी नही है।
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